बुलेट ट्रेन की चौकाने वाली बातें

जापान की बुलेट ट्रेन 320 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से चलती है. 51 साल से शिनकासेन जापान में गोली की गति से चल रही है. लेकिन कभी भी दुर्घटना की शिकार नहीं हुई. और भरोसेमंद इतनी कि पिछले 51 साल में इन रेलगाड़ियों के लेट होने का औसत एक मिनट से भी कम का. वो भी तब जब जापान में भूकंप, सुनामी तुफान लगातार आते रहते हैं.

जापान ने बुलेट ट्रेन के लिए 2 हजार 200 किलोमीटर लंबी लाइन बिछाई है. इन लाइनों पर रोज 841 ट्रेन चलती हैं. 1964 में जब बुलेट ट्रेन की शुरुआत हुई तब से लेकर अब तक पूरी दुनिया की आबादी से ज्यादा लोग इस ट्रेन का इस्तेमाल कर चुके है.
2009 में एक आंकड़ा निकला. उसके मुताबिक शिनकानसेन में जितने लोग यात्रा करते हैं. उनका जितना वक्त बचता है उसे अगर जोड़ दिया जाये तो साल में 4000 लाख घंटे की बचत होती है. इसका मतलब काम के लिए लोगों के पास ज्यादा वक्त. ज्यादा वक्त मतलब ज्यादा प्रोडक्शन उत्पादन.
जापान की सबसे तेज व्यावसायिक बुलेट ट्रेन फिलहाल 320 किलोमीटर प्रतिघंटा की अधिकतम स्पीड से चलती है. जबकि भारत की सबसे तेज भोपाल शताब्दी है जो 150 किलोमीटर प्रति घंटा की अधिकतम स्पीड से चलती है. भारत में बुलेटे ट्रेन पर अभी बहस चल रही है जबकि 1964 से ही जापान में बुलेट ट्रेन चल रही है.
समय पर रहना. समय पर पहुंचना जापान की फितरत का हिस्सा है. बुलेट ट्रेन या शिनकानसन जापान की इसी संस्कृति को आगे बढ़ा रही हैं. यहां यात्रियों के एक-एक सेकेण्ड को अहमियत दी जाती है. तभी तो 17 डिब्बे वाले ट्रेन को 7 मिनट में साफ कर दिया जाता है. और इतना ही नहीं यात्रियों का समय बचे और रेल के कंपनी के पैसे इसके ट्रेनों को बड़े हिसाब ये जोड़ कर चलाया जाता है.

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